प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर में मैरिना बे सैंड्स कन्वेंशन सेन्टर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सिंगापुर के साथ भारत का रिश्ता बहुत गहरा है जो साझा दृष्टिकोण और स्वाभाविक भागीदारी पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर, परस्पर संबंध को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी को नई ऊंचाईयों पर ले जाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जिस गति से बड़े पैमाने पर आर्थिक बदलाव जारी हैं, उसकी कुछ वर्ष पहले तक किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। श्री मोदी ने कहा कि भारत, दुनिया की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भारतीय मुद्रा स्थिर है और देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ रहा है। भारतीय व्यापार और समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंगापुर में बसे भारतीय देश की विविधिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिंगापुर में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में कई प्रमुख फैसले लिए गए। भारतीय मूल के निवासियों को संबोधित करने से पूर्व इन अहम नतीजों के बारे में जानकारी दी गई। आज इस पर हस्ताक्षर होने वाले हैं। दोनों राष्ट्र के बीच होने वाले इस समझौते से उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी कौशल विकास और अन्य क्षेत्रों पर आदान-प्रदान होगा। इसके लिए एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप भी बनाया जाएगा। यह भी घोषण की गई कि दोनों राष्ट्रों के बीच स्टार्ट अप सहयोग बढ़ाने के लिए इंडिया इनोवेशन हब की रचना भी होगी।
इससे पहले, श्री मोदी ने भारत-सिंगापुर उद्यम तथा नवाचार प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। एक दिन की इस प्रदर्शनी में भारत और सिंगापुर की तीस कंपनियां भाग ले रही हैं। श्री मोदी कल सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शिएन लुंग के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। वे कल ही 17वें शांगरी ला संवाद में मुख्य भाषण देंगे। श्री मोदी दक्षिण पूर्व एशिया के तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में आज दोपहर बाद सिंगापुर पहुंचे। इससे पहले वे इंडोनेशिया की यात्रा सम्पन्न कर कुछ समय के लिए मलेशिया में रूके। मलेशिया में उन्होंने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री महासिर मोहम्मद से मुलाकात की। श्री मोदी ने ट्वीट कर बताया कि भारत और मलेशिया के बीच संबंध मजबूत करने के बारे में उपयोगी बातचीत हुई है।