चार राष्ट्रों की यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जर्मनी पहुंच गये हैं। भारत और जर्मनी के बीच अंतर – सरकारी विमर्श में दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए आपसी व्यापार और निवेश के क्षेत्रों की पहचान की जायेगी। ज्ञात हो कि यूरोपीय आयोग के सदस्य देशों के व्यापार और निवेश से संबंधित समझौते जर्मनी के माध्यम से ही किए जाते हैं। इसलिए यूरोपीय संघ का सदस्य होने के नाते जर्मनी को ऐसा रास्ता निकालने की जरूरत है कि संघ के सभी 27 देश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश परियेाजनाओं का लाभ उठा सकें।
श्री नरेन्द्र मोदी आपनी यात्रा के दूसरे चरण में कल स्पेन की राजधानी मैड्रिड पहुंचेंगे। 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली स्पेन यात्रा होगी। स्पेन में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा ने आकाशवाणी से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री की दो दिन की यात्रा से दोनों देशों के संबंध नये स्तर पर जा सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी स्पेन के आफिसियल वीजिट 30 तारीख से शुरूआत होगी। इस वीजिट के दौरान हमारे स्पेन के साथ संबंध मज़बूत होने की उम्मीद बहुत है।आतंकवाद के मुद्दे पर श्री वर्मा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।