आज असम में प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सबसे लम्बे पुल ढोला – सदिया का उद्घाटन करने के साथ दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस पुल का नामकरण महान गायक भूपेन हजारिका के नाम पर किया गया। ये ब्रिज सिर्फ पैसै बचाएगा, समय बचाएगा ऐसा नहीं। लेकिन ये ब्रिज एक नई अर्थ क्रांति का अधिष्ठान लेकर आता है एक नई इक्नोमिकल रेव्यूलूशन का बेस बनने वाला है। दो राज्यों के विकास में ये ब्रिज कड़ी बन रहा है। नौ दशमलव एक-पांच किलोमीटर लम्बा तीन लेन का यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है। यह असम में ढोला को सदिया से जोड़ता है। इस पुल के कारण पूर्वोत्तर में सड़क संपर्क में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।
सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने असम के गोगामुख में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखने के साथ कामरूप जिले के चंगसारी में स्थापित होने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान विस्तारित परिसर की आधाशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को न केवल दूसरे हरित क्रांति की बढ़ना चाहिए, बल्कि अनवरत रूप से हरित क्रांति को अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह न केवल किसी संस्थान की नींव है बल्कि समूचे पूर्वोत्तर और भारत के भविष्य के बदलाव की नींव है। सिर्फ सेकिंड ग्रीन रेव्यूलूशन नहीं एवर ग्रीन रेव्यूलूशन, सदा काल हरित काल इस मिज़ाज से हमें देश में कृषि विज्ञान को आगे बढाना है। और ये जो रिसर्च की संस्था है उसका लाभ हमें उससे मिलने वाला है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश में मृदा स्वास्थ्य की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या 15 से बढ़कर नौ हजार हो गई है।
भाईयों बहनों हमने एक बड़ा आन्दोलन चलाया है। आज देश में 9000 से अधिक सोशल हेल्थ कार्ड की प्रयोगशालाएं तैयार कर दी हैं और नौजवानों को हम उसे आगे बढ़ाने की दिशा में निमंत्रित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए तीन वर्षो में केन्द्र सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। पीएम ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अलावा कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी उन्होंने उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा कि 2022 तक सरकार का इरादा किसानों की आमदनी दोगुनी करने का है।