प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभिभावकों से अपने बच्चों की उपलब्धियों को सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे के पास अपनी विशिष्ट प्रतिभा है। उन्होंने नई दिल्ली में परीक्षा पर चर्चा के दौरान छात्रों से बातचीत में कहा कि अभिभावकों को अंक लाने पर अनावश्यक ध्यान नहीं देना चाहिए और छात्रों का सहयोग करना चाहिए।
अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि आप इसको जो सोर्सेस स्टेट्स बना दिया है, सोर्सेस स्टेट्स मत बनाइये। आप दुनिया से मत छुपाइये। अगर आपके बेटे के अंदर जो सामर्थ्य है उसी सामर्थ्य की चर्चा कीजिए। उनके बेटे के सामर्थ्य से आप अपने बेटे की कॉम्पेरिज़न मत कीजिए और मैं अभिभावकों के रोल को बड़ा महत्व समझता हूं। वो बच्चे की केयर करें दबाव न डालें। ये अंक वगैरह जिंदगी नहीं होती है जी। हमारे यहां तो शास्त्रों में कहा गया है कि बेटा या बेटी 18 साल की हो जाए तो मां-बाप ने उन्हें मित्र के रूप में मानना चाहिए। श्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे दूसरों से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें।
लोगों को आपसे प्रतिस्पर्धा में आने दो आप किसी की प्रतिस्पर्धा में मत जाओ। आपको अगर ये स्थिति पानी है कि लोग आपको स्पर्धा करने के लिए लालायित हो जाएं। मुझे बनना है तो ऐसा बनना है। मुझे करना है तो ऐसे करना है। वो कब होगा अगर आप अनुस्पर्धा करेंगे। खुद के साथ स्पर्धा। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को ध्यान केन्द्रित करने के लिए योग करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ तनावमुक्त होकर परीक्षा देने का परामर्श दिया। श्री मोदी ने कहा कि परीक्षा की तैयारी करते समय विद्यार्थियों में आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है।
विवेकानंद जी हमेशा एक बात कहा करते थे। अहम ब्रह्मा अस्मी वो कहते थे कि अपने आपको कम मत मानो। अहम ब्रह्म मैं ही ब्रह्म का रूप हूं। यानी आत्म विश्वास जगाने की बात करते थे कि मन में एक भाव रहता है आत्म विश्वास का, यह बहुत आवश्यक होता है। आत्मविश्वास हमेशा हर कदम पर कोशिश करते-करते करते बढ़ता है और हम उसको अचीव कर सकते हैं और इसलिए निरंतर ये कोशिश होनी चाहिए कि मैं जहां हूं उससे मुझे कुछ और अधिक करना है और इसके लिए जो मुझे करना पड़ेगा वो मैं करूंगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अपने को चुनौती देकर और कड़ी मेहनत कर आत्मविश्वास पैदा किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में लगभग दो हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया हैं। वीडियो लिंक के जरिये भी लाखों बच्चे ने तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री को सुना।
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