जिले के कद्दावर समाजवादी अशोक बाजपेयी ने सपा को कहा बाय-बाय

 राज चौहान (हरदोई)-


पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अशोक बाजपेयी ने बुधवार को सपा छोड़ते हुए विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया। श्री बाजपेयी को मुलायम सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता है । अशोक बाजपेयी के इस्तीफे का साफ सन्देश मुलायम युग का पूर्ण अवसान है । बाजपेयी जी सपा के चौथे नेता हैं जिन्होंने विधान परिषद से इस्तीफा दिया है। अशोक वाजपेयी की भाजपा में जाने की तैयारी है। हाल ही में सपा के नेता बुक्कल नबाव, यशवंत सिंह व सरोजनी अग्रवाल विधान परिषद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा बसपा के जयवीर सिंह ने भी एमएलसी पद की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। अशोक वाजपेयी का विधान परिषद में कार्यकाल 30 जनवरी 2021 तक था। अशोक वाजपेयी ने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से कहा कि सपा में नेता जी (पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव) की उपेक्षा हो रही थी। जिसने पार्टी को खड़ा किया, उसी की उपेक्षा हो रही है। इस कारण वह खासे आहत थे। हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने नेताओं के भाजपा में जाने के सवाल पर कहा था कि जिनको जाना है तो जाएं लेकिन बहाना न बनाएं। अगली बार उनकी सरकार बनेगी। सूत्र बताते हैं कि सपा के एमएलसी मधुकर जेटली व राम सकल गुर्जर भी इस्तीफा दे कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। श्री अशोक बाजपेयी का अगला राजनैतिक ठौर कौन सा होगा अभी केवल कयास लगाए जा रहे हैं । राजनैतिक गलियारे में भाजपा से उनकी नजदीकियों की चर्चा है ।