कछौना (हरदोई) : पंचायत चुनाव 2021 को लेकर जिला मुख्यालय से चुनाव की तैयारियों का प्रथम चरण शुरू हो चुका है। इसी क्रम में कछौना ब्लाक के शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में लगा दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि बीएलओ में लगी उनकी ड्यूटी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरुद्ध उन्होंने 11829-2018 अनुराग सिंह व 17 अन्य के आदेश का पालन नही किया जा रहा है। गौरतलब है कि शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में न लगाए जाने को लेकर माननीय न्यायालय से कई सारे आदेश हुए हैं। किंतु हर बार शिक्षक को ही इसमें लगा दिया जाता है।
शिक्षकों ने अपने दिए गए ज्ञापन में आरोप लगाया है, माननीय न्यायालय तथा नई शिक्षा नीति के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में लगा दिया जाता है। बीएलओ ड्यूटी करने में कई समस्याएं होती हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत दिव्यांग शिक्षकों व पूर्व में विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में पहले से ही ड्यूटी कर चुके शिक्षकों को भी पंचायत चुनाव में बीएलओ ड्यूटी लगा दी गई हैं। शिक्षकों व इंचार्ज अध्यापकों को 15 से 30 किलोमीटर दूर तक बीएलओ ड्यूटी में बूथ दिए गए हैं। दूरी ज्यादा होने के कारण शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि बीएलओ ड्यूटी के चलते विद्यालय में शिक्षण कार्य भी बाधित होते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीएलओ ड्यूटी लगाने में उप जिलाधिकारी कार्यालय से बहुत सारी अनियमितताएं हुई हैं। किसी विद्यालय के सभी शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में लगा दिया गया है।उसी ग्राम सभा के अन्य विद्यालयों के किसी भी शिक्षक की ड्यूटी बीएलओ में नहीं लगाई गई। जिससे अधिकांश विद्यालय बंद होने के कगार पर आ जाएंगे। जिन शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ में लगी है, उनमें से एक ही विद्यालय के कुछ शिक्षकों को अधिक बूथ अधिक संख्या बल के मतदाता तथा कुछ शिक्षको को कम बूथ व कम संख्या बल के मतदाता दिए गए है, अर्थात किसको कितना कार्य इसमें संतुलन नहीं रखा गया है।
पूर्व पंचवर्षीय का अभी तक कोई भी पारिश्रमिक नहीं दिया गया है। वर्तमान में शासन द्वारा गतिमान अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में कई शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने गृह जनपद के लिए आवेदन किया है। जिसे इसी माह अक्टूबर तक शासन के निर्देशानुसार प्रक्रिया पूर्ण करनी है, लेकिन बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षक व शिक्षिकाओं को अपने गृह जनपद पहुंचने में उन्हें कार्यमुक्त करने में बाधा आएगी। समस्त शिक्षकों ने कहा है की यदि इस पर कोई विचार नहीं होता है तो माननीय न्यायालय की शरण में जाएंगे।
रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता