शासन के निर्देश पर अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पड़ा छापा

रेडियोलॉजिस्ट की गैरमौजूदगी व अनियमितताएं मिलने पर सेंटर को किया गया सीज

कछौना (हरदोई): कछौना में दर्जनों पैथालॉजी, एक्सरे सेंटर, अल्ट्रासाउंड सेंटर मानकों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे केंद्र मानव स्वास्थ्य के साथ खुलकर खिलवाड़ कर रहे हैं। इन सेंटरों पर बिना पंजीकरण, प्रदूषण विभाग से कोई स्वीकृति नहीं, अग्निशमन सुविधा का अभाव, कचरा प्रबंधन के तहत भी कोई व्यवस्था नहीं है। निर्धारित शुल्क से अधिक मनमाना शुल्क लेकर मरीजों का शोषण किया जाता है जिसके एवज में कस्बे व ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टरों, क्लीनिक संचालक व आशा बहुओं को मोटा कमीशन दिया जाता है।

शासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अल्ट्रासाउंड केंद्रों का विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही का निर्देश जिला प्रशासन को दिया। इसी क्रम में बुधवार को जॉइंट मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में टीम अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अहिरोरी मनोज कुमार सिंह व प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार सिंह ने कस्बे में संचालित हेल्थ केयर सेंटर कासगंज मार्ग पर छापा डाला। औचक निरीक्षण में अल्ट्रासाउंड की जांच करने वाले रेडियोलॉजिस्ट नदारद मिले, जबकि अल्ट्रासाउंड जांच रेडियोलॉजिस्ट द्वारा ही की जाती है। गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। अल्ट्रासाउंड परीक्षण कराने वाले मरीजों का पूरा विवरण रखना चाहिए। आधार कार्ड की छाया प्रति व मोबाइल नंबर अपडेट होना चाहिए, जिसकी रिपोर्ट मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को भेजनी होती है। मरीजों के भेजे गए डाटा व कराए गए डाटा में काफी अंतर मिला।

अल्ट्रासाउंडकक्ष वातानुकूलित होना चाहिए। केंद्र पर ‘भ्रूण लिंग की जांच नहीं होती है’ का बोर्ड लगा होना चाहिए परंतु केंद्र के बाहर इस संदर्भ में कोई भी बोर्ड नहीं लगा था। स्टाफ कर्मियों का पूरा विवरण होना चाहिए। सीसीटीवी कैमरे हमेशा एक्टिव होने चाहिए। काफी अनियमितताओं के कारण ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीक्षा जैन हेल्थ केयर सेंटर के सभी अभिलेखों को अपने साथ ले गईं। कंप्यूटर के यूपीएस को सुरक्षित कर दिया व हेल्थ केयर सेंटर को पुलिसकर्मी व राजस्व कर्मी उपस्थित में सीज कर दिया गया।

इस कार्यवाही से अवैध रूप से संचालित क्लीनिक, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, एक्सरे सेंटर अपनी दुकान का शटर बन्द कर रफूचक्कर हो गये। ऐसे संचालक मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण के अलावा मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रशासन का संरक्षण प्राप्त होने के कारण ऐसे सेंटर धड़ल्ले से संचालित हैं। शासन स्तर से निर्देश होने पर कुछ लोगों पर कार्यवाही कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है लेकिन चंद दिनों बाद फिर वही राग अलापा जाता है।

रिपोर्ट- पी.डी. गुप्ता