रामचरितमानस विवाद, राम पर सवाल या वोट पर निशाना

पिछले कुछ समय से एक कूटरचित साजिश के तहत सनातनधर्म को विशेषकर निशाना बनाकर उसको बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। जिसमे विशेषकर अपने वोट बैंक को साधने के लिए विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के नेता सनातन धर्म को टारगेट करके कभी राम, कभी कृष्ण पर तरह-तरह के सवाल उठा रहे है। इसका उदाहरण अभी ताज़ा पोस्टर अंकल बने स्वामी प्रसाद मौर्या हैं।

विपक्षी खेमे मे चर्चा है कि इनको संभवतः बीजेपी ने सपा का सफाया करने के लिए सपा में भेजा है। क्योंकि समाजवादी पार्टी मे आने के बाद से स्वामी प्रसाद मौर्या ने कई ऐसे बयान दिए हैं जिससे समाजवादी पार्टी आने वाले 2024 के चुनाव में बड़ी संख्या में मतों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वोट बैंक के मोह में नेता जी के सुपुत्र ये भूल जाते हैं कि जनता केवल एक वर्ग नहीं है। चुनाव लड़ने के लिए अखिलेश को जनता की भावनाओं को भी आहत नहीं करना चाहिए। जनता की भावनाओं को आहत करने के चलते समाजवादी पार्टी पहले भी चुनाव में बीजेपी से मुँह की खा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और सोशल मीडिया सेल के लोग अपनी जुबान पर ताला लगाने की बजाय अपशब्दों और जनता की भावनाओ को आहत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

—अवनीश मिश्रा