‘छाँव से फासला’ 

 ग़ज़लकार नवीन माथुर ‘पंचोली ‘का ग़ज़ल संग्रह ‘छाँव से फासला ‘ में 90 गजलें पढ़ने और गुनगुनाने लायक है | सभी ग़ज़लें एक से बढ़कर एक लगती है |नवीन माथुर ‘पंचोली ‘ की गजल शैली छोटी बहर की कला की होती है  का उपयोग किया है|आपने छाँव से फासला में भी इस ग़ज़ल साधक ने भावपक्ष को मजबूतराख कर छोटी बहार की कला का प्रयोग किया है |इससे ग़ज़ल सीधे मन को छू जाती है |इस ग़ज़ल पर जरा गौर फरमाए –
‘सांसे उतनी आनी है
जितना दाना पानी है

छाँह कभी  धूप कहीं
चलती ये जिंदगानी है

सच्चे -झूठे रिश्ते तो
सबकी सच कहानी है

कुछ में खिलती मुस्कानें
कुछ आँखों में पानी है

मत महफूज समझ इतना
ये तेरी नादानी है ‘
ये बहर तो बानगी भर है |ऐसी कई गजल जो एक खुशनुमा माहौल पैदा कर प्रकृति के संग जोड़ जाती है –
‘हमें भी मुस्कुराना आ गया है
मुहब्बत का जमाना आ गया है
बदलने अब लगे अंदाज अपने
हमें भी दिल लगाना आ गया है
परिंदें गा रहे है आज सारे
हवा को गुनगुनाना आ गया है। .
मानों मुहब्बत मौसम से श्रृंगारित होकर शायरी
करने लग गई हो  |
आपने दिल कहीं छुपाना है
कौन सा दाँव आजमाया है
लोग सब आपके दीवाने है
खूब अपना नसीब पाया है
आज तारों ने छोड़ दी महफ़िल
आज फिर चाँद जगमगाया है……
गजल संग्रह के आवरण चित्र और शीर्षक आकर्षित करता है | पार्वती प्रकाशन का प्रेक्षण व् मुद्रक स्तरीय है | पंचोली जी की सभी गजलों की खासियत ये है की इनकी पठनीयता में आकर्षणता निरंतर बनी रहती है |गजल संग्रह सभी के दिलों में जगह बनाएगा |
ग़ज़ल संग्रह -छाँव से फासला
शायर -नवीन माथुर’पंचोली ‘
मूल्य -160 /- रुपए
मुद्रण आर्टेक ग्राफिक
864 /9 नेहरूनगर इंदौर
संपर्क – श्रीराम चौक ,अमझेरा जिला धार (म प्र )
454441 मो न 9893119724
समीक्षक : संजय वर्मा “दृष्टि ”
125 ,शहीद भगत सिंग मार्ग
मनावर जिला -धार (म प्र ) 454446