सबका ध्यान रखते हुए सनातन शासनतन्त्र की स्थापना ही हमारा उद्देश्य : पुरीपीठाधीश्वर

भारतवर्ष समेत विश्व के 15 से अधिक देशों को हिन्दु-राष्ट्र घोषित करने के उद्देश्य से “हिन्दु-राष्ट्र अधिवेशन” एवं सनातन संविधान (हिन्दु-लॉ) पर विधि विशेषज्ञों की वैचारिक संगोष्ठी को सम्बोधित करने के लिए दिनांक 17 मई 2022 को सनातन वैदिक हिन्दु धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्य परमपूज्य पुरीपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज का लखनऊ की पावनधरा पर शुभागमन हो रहा है। वे विधान परिषद् सदस्य श्री पवन सिंह चौहान के जानकीपुरम्, लखनऊ स्थित आवास पर प्रवास करेंगे।

ध्यातव्य है कि शंकराचार्य महाभाग राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा पर विगत कई वर्षों से सम्पूर्ण भारतवर्ष की यात्रा करते हुए हैं। सनातनधर्म के अनुयायियों के वैचारिक जागरण का सत्कार्य कर रहे हैं एवं उन्हें विश्वबन्धुत्व एवं लोककल्याण की भावना से ओतप्रोत करते हुए सर्वेश्वर परमात्मा की साधना एवं अर्चना के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं।

पूज्य श्री का कहना है कि हमें अन्यों के हित का ध्यान रखते हुए सनातन शासनतन्त्र की स्थापना भारत में करनी है। गौ, गङ्गा एवं गायत्री के रक्षणार्थ उनके अभियान से विश्व भर के 50 से अधिक देशों के हिन्दु सज्जन जुड़ कर अपना जीवन सफल बना रहे हैं।

वे कहते हैं कि दर्शन, विज्ञान और व्यवहार में सामंजस्य साधकर धर्म का प्रचार करेंगे तो पूरा विश्व उसे स्वीकारेगा।

पूज्य शंकराचार्य महाभाग का लखनऊ प्रवास 17 मई से 19 मई 2022 तक है। इस अवसर पर वे विभिन्न मन्त्रों से जनसामान्य को दीक्षा भी प्रदान करेंगे।

अपनी वैचारिक संगोष्ठी में पूज्य श्री समस्त भक्तों एवं जिज्ञासुओं के धर्म अध्यात्म एवं राष्ट्र सम्बन्धी प्रश्नों का समुचित शास्त्रोक्त उत्तर प्रदान करते हैं, जिससे उनके अनुयायियों की संख्या निरन्तर बढ़ती ही जा रही है।

यह जानकारी आदित्यवाहिनी लक्ष्मणपुर परिक्षेत्र (लखनऊ) के संयोजक पं. धीरज मिश्र ‘शाण्डिल्य’ ने पत्रकार वार्ता में दी।