आलू की फसल को अगेती व पिछेती झुलसा व सरसों की फसल को माहु रोग से बचायें

            उप कृषि निदेशक डा0आशुतोष मिश्र ने किसानों से कहा है कि वर्तामान समय में आलू की फसल में अगेती व पिछेती झुलसा व सरसों की फसल में माहु कीट/रोग दिखाई दे रहे हैं जिससे उनकी फसल को नुकसान होने की संभावना है।
            उन्होने बताया कि अगेती रोग फफूंद के कारण होता है जो कि अतिसंवेदनशील तथा प्रतिकूल मौसम होने पर आलू की फसल को खतरा बढ़ जाता है। पछेती झुलसा रोग का प्रकोप बहुत तेजी से फैलता है और फसल में प्रभाव होने पर दो से चार दिन में पूरी फसल नष्ट हो जाती है और भूर काले रंग के जलीये धब्बे बनते हैं तथा पत्तियों की निचली सतह पर फफूंद दिखाई देती है। इसके साथ ही अगेती झुलसा में पत्तियों के बीच में से झुलसाना प्रारम्भ कर देती है। उन्होने बताया कि इसके बचाव के लिये जिंक, मैंगनीज कार्बामेट या मैकोजेब 2 या 2.5 किग्रा0 दवा को 800-100 ली0 पानी में घोलकर छिड़काव करें या कापर आक्सीक्लोराइड का 0.3 प्रति0 का छिड़काव 12 से 15 दिन के अन्तराल में तीन बार करें।
            श्री मिश्र ने बताया कि सरसों की फसल में माहु कीट पंखहीन अथवा पंखयुक्त हल्के स्लेटी या हरे रंग के 1.5 से 3 मिमी0 लम्बे चुभाने एवं चुसने मुखांग वाले कीट होते हैं और इनके शिशु एवं पौढ़ पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर एवं क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इस कीट का प्रकोप दिसम्बर, जनवरी से लेकर मार्च तक बना रहता है।