आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय के ‘मार्गदर्शन’ मे कल

“सफलता से वही अछूता रहता है, जिसने एक निश्चित दिनचर्या का निर्धारण न किया हो।”

यह तो एक सूत्रवाक्य है। हमारे विद्यार्थियों को इस प्रेरक वाक्य का ‘कल’ विधिवत् पल्लवन और विशदीकरण रूप प्राप्त होगा, जिसमे उनके जीवन और भविष्य का ‘हेतु’ होगा।

हमारे देश के लाखों विद्यार्थी ‘अमर उजाला उड़ान-परिवार’ की ओर से प्रतिसप्ताह (बुधवारीय/बुधवासरीय) अति जनप्रिय होता हुआ, ‘मार्गदर्शन’ का आन्तर्जालिक (ऑन-लाइन) अध्ययन करते आ रहे हैं और आत्मविश्वास का विस्तार करते हुए, गन्तव्य की ओर गतिमान् हैं।

इसे आप सभी के लिए प्रस्तुत करते आ रहे हैं, फ़ीचर-सम्पादक प्रियवर अभिषेक सक्सेना जी।

तो आइए! ‘मार्गदर्शन के चौंतीसवें अध्याय’ का अध्ययन करने के लिए ‘कल’ की प्रतीक्षा करें, जो निश्चित रूप से आयेगा।