जिला अस्पताल में उस समय इंसानियत शर्मसार हुई जब शव को उसके परिजन गोद में ले जाने को मजबूर हुए । अस्पताल प्रशासन इतना संवेदनहीन हो सकता है, यह सोचा नहीं जा सकता ? हरदोई के जिला अस्पताल में लेकिन यही देखने को मिला।
यहां पर कोतवाली देहात क्षेत्र के अल्लीपुर निवासी प्रमोद 25 पुत्र मक्का की उसके गांव में बोरिंग के गड्ढे में मिट्टी के नीचे दबकर मौत हो गई थी । लेकिन उसके जीवित होने की आशंका के चलते परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में आकर दिखाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया । उसके बाद पीड़ित परिजन उसकी लाश को गोद में उठाकर अस्पताल में इधर से उधर घूमते रहे । मृतक के परिजनों को कहीं भी कोई अस्पताल प्रशासन की तरफ से मदद नहीं दी गई । पीड़ितों को किसी भी प्रकार का कोई भी शव वाहन प्रदान नहीं कराया गया । इस मामले पर जिला अस्पताल प्रशासन पर पीड़ित परिजनों का आरोप है कि किसी भी प्रकार की कोई स्ट्रेचर या शव वाहन की व्यवस्था उन्हें नहीं दी गई थी इसी कारण वह शव गोद में लेकर दर-ब-दर भटकते रहे । यह कहना गलत नहीं होगा कि एक ओर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़े-बड़े दावे और वादे करती है, वहीं दूसरी ओर सरकार को धता बताते हुए प्रशासन लापरवाह, बेगैरत और इंसानियत को शर्मसार करने वाली हरकतों पर आमादा है । आज जिला अस्पताल में गोद में लाश लेकर घूमते हुए लोगों की यह घटना इंसानियत को शर्मसार करती है।