सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

अव्यवस्थाओं के चलते 8 गोवंश की मृत्यु, गो-संरक्षण/संवर्धन की खुली पोल

कछौना (हरदोई): विकास खंड कछौना की ग्राम सभा पतसेनी देहात के ग्राम तेरवा में स्थित गौआश्रय केंद्र कछौना में अव्यवस्थाओं और तेज बारिश के चलते बृहस्पतिवार को दो दर्जन से ज्यादा गांवों की मृत्यु की सूचना राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश विक्रम सिंह क्रांतिकारी गरीब सेवा फाउंडेशन संस्था व ब्लॉक अध्यक्ष राष्ट्रीय गौ-रक्षा संघ अवलोक श्रीवास्तव ने उच्च अधिकारियों को दी। आनन फानन पर मौके पर अपर जिला अधिकारी संजय सिंह, उप जिला अधिकारी सण्डीला मनोज कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी बघौली हेमंत उपाध्याय, पशु चिकित्सा अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह व उप निरीक्षक धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मौके पर सघन जांच की। गौ आश्रय केंद्र में काफी अव्यवस्थाएं चारा की कमी, पशुओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण न होने के कारण पूरी तरह से गौ आश्रय केंद्र जलमग्न हो गया था। जिसके चलते बेजुबान पशु असमय मृत्यु के शिकार हो गए।

एक तरफ सरकार गौवंश संरक्षण संवर्धन के लिए योजनाएं चला रही है, सामाजिक कार्यकर्ताओं के आरोपों को दरकिनार करते हुए जांच के नाम पर खानापूर्ति कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली। योगेश विक्रम सिंह के अनुसार कई गौवंशों के शवों को पास के पश्चिम दिशा में स्थित तालाब में फेंक दिया। जिन्हें गिनती कराना प्रशासन ने उचित नहीं समझा। अपर जिला अधिकारी संजय सिंह ने कहा कुल 111 गौवंश इस आश्रय स्थल में थे। जिनमें जलभराव के कारण मात्र 8 गौवंशों की मृत्यु हो गई। मौके पर 6 गौवंश गंभीर बीमार हालत में है। जिनका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। गौ आश्रय केंद्र के संरक्षण व संवर्धन में लापरवाही करने वाले खंड विकास अधिकारी के खिलाफ सो कॉज नोटिस जारी की जा रही है। पशुचिकित्सा अधिकारी कछौना के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जा रही है। ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ निलंबन की संस्तुति की गई है। ग्राम प्रधान के जिम्मेदारी उत्तरदायित्व को उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित कराई गई। केयर टेकर को हटा दिया गया। शेष पशुओं को अन्यत्र गौ आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

वर्तमान समय में छुट्टा गौवंशों की समस्या का निराकरण न होने के कारण बेजुबान पशु और किसानों की दुर्दशा है। वहीं आए दिन दुर्घटनाओं का अहम कारण है।

रिपोर्ट- पी०डी० गुप्ता