
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी राघव--
हर पापी को कृत दुष्कर्मो का दण्ड भुगतना होता है।
कलुषित विचार रखने वाले को सौ मौतें मरना होता है।
शिव ही निर्णय करने वाले शिव ही दण्ड विधाता हैं।
शान्ति हेतु इस दुनिया मे शिव को ही भजना होता है।
कोई भी हो यहाँ किन्तु बिन शिव के सब व्यर्थ यहाँ।
जहाँ सत्य और धर्म जहाँ है शिव जी का है वास वहाँ।
रीति सनातन शिव से है और शिव मे ही मिलना होता है।
यदि शिव की दृष्टि पड़ जाये तो शव भी पारस होता है।