तो क्या ‘हिन्दुस्तानी एकेडेमी के कोषाध्यक्ष की मनमानी पर रोक लगेगी?

इलाहाबाद में साहित्यकारों, विचारकों-चिन्तकों की वर्षों से चिन्ता बनी रही है कि ‘हिन्दुस्तानी एकेडेमी’, इलाहाबाद में ‘कोषाध्यक्ष’ कहलाने वाला व्यक्ति एकेडेमी की शीर्ष सत्ता का उपभोग करते हुए, मनमानी करता आ रहा है। वही स्वयंभू अध्यक्ष, संयोजक, कार्यक्रम-अधिकारी, सम्पादक आदिक पदों को धारण किये हुए है। लम्बे समय से योग्य एकेडेमी में एक योग्य अध्यक्ष की माँग की जा रही थी, जो कुछ ही दिनों पूर्व शिक्षाविद् डॉ० उदय प्रताप सिंह के रूप में एकेडेमी को मिला है; परन्तु अभी उनकी कार्यशैली आरम्भ नहीं हुई है, इसलिए उन पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं। अध्यक्ष का दायित्व गम्भीर हो जाता है और उनसे अपेक्षाएँ भी अधिक हो जाती हैं।

कल (१ जून, २०१८ ई०) बौद्धिक, शैक्षिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था ‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान में भाषाविद् डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की अध्यक्षता में अलोपीबाग़ में आयोजित एक वैचारिक कार्यक्रम में इन्हीं सारे सन्दर्भों को समेटते हुए इलाहाबाद के साहित्यकारों, कवियों, शिक्षाशास्त्रियों, शोधविद्यार्थियों तथा अन्य प्रबुद्धजन ने अपने मुखर विचार व्यक्त किये थे।

मुख्य अतिथि, साहित्यकार डॉ० विजयानन्द ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ” एकेडेमी की पूर्व-परम्परा को पुनरुज्जीवित करते हुए, साहित्यकारों, भाषाकारों आदिक की एक सलाहकार-समिति गठित की जानी चाहिए।” कवि गंगा प्रसाद त्रिपाठी ने कहा, “कोषाध्यक्ष रविनन्दन सिंह ने एकेडेमी की साहित्यिक, शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक क्षति की है, जिसकी जाँच होनी चाहिए।”

अनिरुद्ध पटेल ने माँग की है,” कोषाध्यक्ष का पद उस व्यक्ति को दिया जाये, जो किसी भी प्रकार के लाभ के पद पर न हो; क्योंकि वर्तमान कोषाध्यक्ष उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग में समीक्षा अधिकारी हैं और कोषाध्यक्ष के नाम पर प्रतिमाह मानदेय के रूप में ५,००० रुपये भी लेते आ रहे हैं।” विशाल साहनी ने हिन्दुस्तानी एकेडेमी में कोषाध्यक्ष के पद पर बैठा हुआ व्यक्ति जिस तरह से वर्षों से मनमानी करता आ रहा है, उसके प्रति अपना रोष प्रकट किया।

इस अवसर पर विजयनारायण पाण्डेय, आशुतोष यादव, डॉ० रागिनी मौर्य, गीतिका चौधरी, रत्नेश द्विवेदी, रमाशंकर त्रिपाठी, कृपाल प्रसाद, विश्वकर्मा उपाध्याय, विशाल सिंह, डॉ० रजनी सिंह, डॉ० अनामिका अग्रवाल, कृष्णमोहन तिवारी, डॉ० अजय कुमार सिंह, विष्णु राव ने हिन्दुस्तानी एकेडेमी के कोषाध्यक्ष की कार्यशैली के प्रति असन्तोष व्यक्त किया। संचालन डॉ० रजनी सिंह ने किया था।