राजेन्द्र, सामाजिक समरसता विभाग – अवध प्रान्त
तीन तलाक को दो प्रकार से सुलझाया जाना चाहिए प्रथम प्रयास तो स्वयं मुस्लिम समाज को करना चाहिए कि शरीयत या मुस्लिम कानून के तहत ही पीड़ित व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान करें और शरीयत पर विश्वास करें कि उनके साथ जो भी निर्णय होगा सही होगा। दूसरा यह कि अगर पीड़ित व्यक्ति को शरीयत या मुस्लिम कानून पर विश्वास नहीं है कि उसके साथ न्याय होगा और वह न्यायालय की शरण में जाता है तो न्यायालय को संविधान के अनुसार न्याय करना चाहिए साथ ही निर्णय को कठोरता से पालन भी करवाया जाना चाहिए।