डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-
आप उन शब्दों पर ग़ौर करें, जिनके लिखने-बोलने में आंशिक चूक हो जाने पर अर्थ का ‘अनर्थ’ हो जाता है | निम्नांकित अरबी-फ़ारसी के शब्दों में नुक़्त: लगाने और न लगाने से कितना बड़ा अन्तर आ जाता है; देखें, समझें तथा अनुभव करें :———
शक— सन्देह ; शक़— फटना, विदीर्ण होना
ज़हर– विष ; जहर– ज़ोर की आवाज़
इल्ज़ाम– आरोप; इल्जाम—घोड़े के मुँह में लगाम कसना
हक़– अधिकार ; हक— खुरचना, छीलना
क़ानून– विधि ; कानून– भट्ठी, चूल्हा
ज़लील— अधम ; जलील– महान्
(यायावर भाषक-संख्या : ९९१९०२३८७०)