श्रीमद्भागवत कथा सत्संग में सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष की कथा का श्रवण करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

लखारिया (रामगंजमंडी)- जुल्मी के पास स्थित लखारिया ग्राम में सात दिनों से चल रही श्री मद्भागवत कथा सत्संग का बुधवार को विश्राम हो गया।

कथावाचक भगगवत कथा मर्मज्ञ पंडित प्रमोद शास्त्री महाराज के मुखारविंद से चल रही कथा को सुनने हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बुधवार को सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई गई। कथावाचक पंडित प्रमोद शास्त्री महाराज ने श्रीकृष्ण सुदामा की कथा सुनाते हुए कहा कि मित्रता वही होती है जो बिना स्वार्थ के की जाती है मित्र वही है जो दुख में आपकी सहायता करे। आज मित्र तो बहुत बन जाते हैं लेकिन वे तभी तक आपके साथ रहते हैं जब तक पर्स में नोट रहते हैं। कथा के अंतिम दिन श्री कृष्ण सुदामा की जीवंत झांकी बनाई गई। जिसमें श्रीकृष्ण, रुक्मणी व सुदामा बने पात्रों ने भावपूर्ण अभिनय से प्रसंग को जीवंत बनाया। श्रद्धालु भक्तगण भाव मग्न हो गए।

परीक्षित मोक्ष की कथा में बताया कि श्रीमद्भागवत की कथा सुनने के बाद परीक्षित का मृत्यु का भय दूर हो गया और उन्हें जीवन में भक्ति व भगवान का महत्व समझ आ गया। महाराज ने कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य ईश्वर को पाना है इस हेतु भगवान की शरण मे जाना होगा। भक्ति के माध्यम से ही मुक्ति का मार्ग मिलता है।कथा के दौरान भजन संकीर्तन पर भाव विभोर होकर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। महाप्रसादी वितरित की गई।