डोकलाम सीमा विवाद पर आखिर भारत को मनोवैज्ञानिक जीत मिलती दिख रही है । पिछले कई महीनों से डोकलाम को लेकर चीन के साथ भारत का गतिरोध चल रहा था । डोकलाम की सीमा से दोनों पक्षों के सैनिकों को हटाने का काम शुरू हो गया है । डोकलाम विवाद पर चीन का नर्म रूख अन्तर्राष्ट्रीय दबाव का नतीजा है । भारत का प्रयास सदैव ही मतभेदों को राजनयिक माध्यमों निबटाने पर ही रहता है । भारत शांति और अमन का हमेशा से ही हिमायती रहा है । डोकलाम पर भारत की इस नैतिक विजय को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बड़ी राजनयिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है ।
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