नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा देख रही आजादी की राह

18 साल से मालखाने में कैद नेताजी की प्रतिमा को भूले जिम्मेदार, शिवसेना के साथ कई अन्य संगठनों ने आजादी के लिए फिर बुलंद की आवाज

मनोज तिवारी (मान्यता प्राप्त पत्रकार, हरदोई)-

आजाद हिन्द फौज स्थापना दिवस 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने इसी दिन भारत को स्वतन्त्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिन्द फौज की स्थापना की थी। 23 जनवरी को उनकी जयंती भी मनाई जाती है। हर सरकारी विभाग के ऑफिस में नेता जी की फोटो दीवार पर सजी नजर आती है। लेकिन हरदोई में इनकी मूर्ति विगत 18 साल से पुलिस के माल खाने में कैद है। राजनेता वोट बैंको और जातिगत समीकरण को देखकर महापुरुषों की मूर्तियां लगवाने में जुटे हैं लेकिन विडम्बना है कि आजादी के नायक सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा हरदोई पुलिस के मालखाने में 18 साल से कैद है। शायद आजादी का ये नायक वोट बैंक होते तो उनकी मूर्ति के लिए सरकारी अनुमति मिल जाती और पिछले 18 सालों से पुलिस के मालखाने में गन्दगी के ढेर में आजादी के इस महानायक की मूर्ति को निजात मिल जाती।

                दरअसल हरदोई में शिवसेना की जिला इकाई ने 23 जनवरी 2000 को सुभाष चन्द्र बोस की एक मूर्ति अस्पताल के करीब एक तिराहे पर नगरपालिका की जमीन में स्थापित की थी। उस समय के नगर पालिका चेयरमैन मधुर मिश्र ने मूर्ति लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र और जगह दी लेकिन कुछ राजनीतिक कारणों के चलते मूर्ति लगने के कुछ ही देर बाद प्रसाशन ने मूर्ति को उखाड़ कर अपने कब्जे में ले लिया और 2 शिव सैनिकों को शांति भंग की धारा 151 में मूर्ति के साथ चालान कर दिया।उस दौरान प्रसाशन का तर्क था की मूर्ति स्थापना के लिए संस्कृति विभाग और गृह विभाग की अनुमति नहीं ली गई। हालांकि पकड़े गए दोनों शिव सैनिको को तुरंत ही जमानत पर छोड़ दिया गया पर नेता जी की मूर्ति को रिहाई नहीं मिली और आज तक यह मूर्ति पुलिस के मालखाने में गंदगी के ढेर के साथ कैद है।
              मूर्ति की स्थापना की मांग को लेकर शिवसेना कई बार प्रदर्शन भी कर चुकी है लेकिन उसके बाद भी अभी तक मूर्ति को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है। कोई निर्णय ना होने के कारण पिछले 18 साल से नेताजी की मूर्ति कैद है।आजादी के संग्राम में नेता जी सुभाष चंद्र बोस का त्याग और बलिदान किसी से छिपा नहीं है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द फौज की स्थापना कर लड़ाई लड़ने वाले नेता जी को सिस्टम ने भुला दिया गया है। देश के साथ जिला आजादी का जश्न मना रहा है। महापुरुषों की प्रतिमाएं साफ हो रही हैं, उनके ऊपर फूल माला चढ़ाई जाएंगी लेकिन नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा सरकारी मालखाने में कैद होकर धूल खा रही है। अव्यवस्था के दोष में 18 साल से अधिक समय से प्रतिमा सजा काट रही है।एडीएम विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि इस संबंध में बैठक की गई है।प्रतिमा का पूरा सम्मान है वार्ता कर विधि के अनुसार कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि विवादित स्थल पर कोई काम नहीं कराया जा सकता है लेकिन मूर्ति स्थापना को लेकर क्या विवाद है इसकी जानकारी ली जाएगी। फिर जिला प्रशासन के साथ स्थान चिन्हित कर सम्मान पूर्वक प्रतिमा की स्थापना कराई जाएगी।