भागवत कथा के पंचम दिवस भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्म कथा का किया रसपान

दीपक कुमार श्रीवास्तव-

भक्तिमय माहौल के बीच जयकारों से गूंज उठा पांडाल ।

कछौना (हरदोई)। विकासखंड कछौना क्षेत्र के रैसों स्थित पावन स्थल जिंद पीर पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को कथा व्यास द्वारा श्री कृष्ण के जन्म का वर्णन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रभु के जयकारे लगाते हुए श्रीकृष्ण जन्म कथा का रसपान किया।

रैसों इलाके में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में दिनों-दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कथा व्यास आचार्य शुभम मिश्रा के मुखारबिंदु से श्रद्धालुजन कथा का रसपान कर रहे है। कथा के तहत शनिवार को पंचम दिवस नित्य की भांति कथा की शुरूआत भागवत आरती के साथ हुई। श्री कृष्ण जन्म की कथा कहते हुए कथावाचक ने बताया कि कंस की चचेरी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ हुआ था। देवकी के विदाई के दौरान आकाशवाणी हुई कि देवकी के आठवें पुत्र के द्वारा कंस का वध होगा। आकाशवाणी सुनकर कंस ने देवकी को मारने के लिए तलवार निकल ली। वसुदेव ने कंस से अनुग्रह कर साथ ही वचन दिया कि देवकी की सभी संताने वह जन्म के बाद कंस को सौंप देंगे। कंस ने वसुदेव की बात मान ली और वसुदेव व देवकी को कारावास में डाल दिया। कारावास में देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। जन्म के दौरान कैसे प्रभु की लीला के स्वरूप सभी पहरेदार सो जाते हैं और वसुदेव की बेड़ियाँ स्वतः टूट जाती हैं, फिर वसुदेव बालकृष्ण को लेकर वृंदावन की ओर प्रस्थान करते हैं और उन्हें नंद के यहाँ छोड़कर उनके घर जन्मी कन्या को लेकर मथुरा वापस आ जाते हैं।

लीलाओं से परिपूर्ण श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनकर भक्त भावविभोर हो गए। श्री कृष्ण का जन्म जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया और ‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। श्री कृष्ण जन्म के उपरांत भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर भगवदाचार्य विशाल कृष्ण भरद्वाज, मुख्य आयोजक श्री चन्द्र उर्फ छोटू सहित मुन्ना यादव, जगजीत यादव, सुरजीत यादव गौरव मिश्रा, ॠषि यादव, दीपू पाण्डे व सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।