
डीएम अचानक 8वीं क्लास में पहुंचीं जहाँ टीचर तो मौजूद थे पर बच्चे सो रहे थे । डीएम के पहुंचने पर सब जग गए तो डीएम ने बच्चों से पूछा कि क्या सो रहे थे ? तो क्लास में मौजूद टीचर बोला नहीं मैम, इन सबको आँख बंद करके याद करना सिखा रहा था। तो डीएम बोली आँख बंद करके क्या सिखा रहे थे तो टीचर बोला, नहीं मैम मैं बोल रहा था और बच्चों से कहा कि आँख बंद करके याद करो। डीएम साहिबा बोलीं अच्छा बच्चों याद हुआ कुछ । चलो बच्चों अब चुंबक की परिभषा बताओ । जिलाधिकारी महोदया बच्चों से पूछती रही पर कोई कुछ बता नहीं पाया । फिर डीएम ने बच्चों से प्रश्न किया आप लोग रट कर बैठे हो या समझ कर । एक बच्ची ने चुंबक के बारे में कुछ बताया, तो डीएम बोली इसका क्या मतलब है ? क्लास में एक बार फिर सन्नाटा हो गया , उन्होंने फिर पूछा चुंबक क्या है ? बच्चे बोले चुम्बक लोहे की बनी चीज को अपनी और खींचता है । फिर उन्होंने पूछा क्यों खींचता है तो बच्चे जवाब नहीं दे पाए। डीएम बोली अच्छा ये बताओ उत्तर कहाँ है ? इस पर टीचर कुछ बोले, तो डीएम बोली शांत रहिये आप। फिर वो बच्चो से बोली अगर चुंबक को लटकाओगे तो उसका उत्तर किधर की तरफ जायेगा, तो बच्चे बोले उत्तरी ध्रुव की तरफ , जब उन्होंने पूछा उत्तरी ध्रुव कहाँ है तो बच्चे जवाब नहीं दे पाए । फिर उन्होंने जमकर क्लास ली पूछा किस तरह से बच्चों को पढ़ाते हो , कम से कम इन चीजों का तो ध्यान रखिये, चलिए आप बताइये उत्तरी ध्रुव कहाँ है। टीचर बोले उत्तरी दिशा में, डीएम बोली कौन सी उत्तर दिशा में ? अच्छा बताओ उतरी ध्रुव क्या होता है ? टीचर नहीं बता पाए तो फिर डीएम शुभ्रा सक्सेना ने चाक उठाई और ब्लैक बोर्ड पर एक गोला खींचा और उसके अंदर लिखा धरती । बच्चों से पूछा ये क्या लिखा है, बच्चे बोले धरती ।तो डीएम टीचर ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि धरती के दो ध्रुव होते हैं, ऊपर उत्तरी और नीचे दक्षिणी ध्रुव। सबसे बड़ी जो चुम्बक है वो है धरती। तो सबसे बड़ी चुंबक क्या है ? धरती है । फिर उन्होंने 8 वीँ क्लास के बच्चों को 20 मिनट चुम्बक के बारे में जानकारियां उपलब्ध करायीं।
डीएम साहिबा 8 वीं क्लास छोड़ कर जब 7वीं क्लास मेंं गयीं तो टीचर वहाँ इंग्लिश पढ़ा रही थीं । डीएम ने पूछा कि क्या सबको आती है इंग्लिश ? टीचर बोली हां । डीएम ने कई बच्चियों से पूछा तो वो बताने में सफल रही। तभी डीएम की नजर ब्लैक बोर्ड पर गई तो डीएम बोली गार्बेज मतलब समझते हो, तो बच्चे बोले कूड़ा करकट । गाऱर्बेज करना चाहिए, तो बच्चे बोले नहीं। तो गार्बेज का क्या करते हो सिर्फ अपने घर का साफ करते हो कि आस -पास का। बच्चे बोले आस -पास का भी। जिलाधिकारी महोदया बोलीं क्यों ? तो बच्चे बोले गंदगी से लोग बीमार पड़ जाते हैँ, तो घर पे बताते हो जाके मम्मी पापा को। फिर डीएम ने पूछा सबके घर में शौचालय है । तो सभी बोले यस मैम । तो वो बोली किसके घर में शौचालय नहीं है वो बताये । एक बोला मेरे यहाँ नहीं है । फिर डीएम बोली कहाँ जाते हो फिर तुम । घर में जाकर पापा से बोलना कि शौचालय बनवायें। उसके बाद डीएम पास ही में संचालित आंगनवाड़ी केंद्र भी गईं, जहाँ उन्होंने बच्चों की देखरेख के लिए आंगनवाड़ी अधिकारियो को निर्देशित किया।