वाहन निर्माता कंपनियों को एक बड़ा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने समूचे देश में पहली अप्रैल से भारत स्टेज – चार उत्सर्जन मानक पर खरा नहीं उतरने वाले वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर पाबंदी लगा दी है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि लोगों का स्वास्थ्य वाहन निर्माता कंपनियों के कारोबारी हितों से कही ज्यादा महत्वपूर्ण है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने ये आदेश दिए। उच्चतम न्यायालय ने कल इस संबंध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
उच्चतम न्यायालय के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स ने इसे निराशाजनक बताया और कहा कि मौजूदा कानून में इन वाहनों की बिक्री की अनुमति है। पर्यावरण संतुलन के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इसे वायु प्रदूषण को रोकने की दिशा में एक सही कदम बताया है।