1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के मामले में उच्चतम न्यायालय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कई अन्य नेताओं की संयुक्त सुनवाई का आदेश उच्च न्यायालय खण़्ड पीठ लखनऊ को दे सकता है। यह मामला 25 साल तक खीचे जाने पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि इसके पीछे कानून से बचने की मंशा लगती है। उच्चतम न्यायालय ने मामला निपटाने के लिए दो वर्ष की समयसीमा निर्धारित करते हुए इसकी दैनिक आधार पर सुनवाई कराने का आदेश दिया। न्यायालय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवादित स्थल के स्वामित्व के बारे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।