तीन तलाक की व्यवस्था पर उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय में विवाह संबंध विच्छेद की यह सबसे अवांछनीय व्यवस्था है। हालांकि कुछ लोग इसे कानूनी करार देते हैं। तीन तलाक की लगातार सुनवाई के आज दूसरे दिन उच्चतम न्यायालय का यह नजरिया सामने आया। न्यायालय को व्यक्तिगत स्तर पर मदद कर रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने पीठ से कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसकी न्यायिक पड़ताल जरूरी है। उन्होंने कहा कि निकाहनामा में ऐसी शर्त शामिल कर औरतें खुद तीन तलाक को खारिज कर सकती हैं। पीठ ने सलमान खुर्शीद से कहा कि ऐसे देशों की सूची पेश करें, जहां तीन तलाक पर पाबंदी लगाई गई है।