एकला चलो रे….!

January 20, 2023 0

दुष्ट या अहंकारी मनुष्य एकला ही चलना चाहता है।जबकि पारस्परिकता के बिना मानवीय जीवन जीना सम्भव नहीं है। दूसरे से मिलकर जीना ही मानवीय सभ्यता है। समाजशास्त्र कहता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। […]