कविता : कोई पता नहीं

December 2, 2022 0

अपने थे या बेगानेकोई पता नहीं।गम देगे या खुशियांकोई पता नहीं।मुस्कुरा कर गए यारुलाकर गएकोई पता नहीं।हंसते हुए रुला गएया रुलाते हुए हंसा गएकोई पता नहीं।बेनाम का नाम कर गएया फिर बदनाम कर गएकोई पता […]