बैसवारा की कतकी (कार्तिक पूर्णिमा)
करवा हैं करवाली,उनके बरहें दिन दिवाली।उसके तेरहें दिन जेठुआन ,औरफिर चुटिया-पुटिया बांध के चलो गंगा नहाय। मतलब की दीपावली की धूम और फिर जेठुआन के गन्ने की मिठास खत्म होते कतकी (गंगा स्नान) की तैयारी […]
करवा हैं करवाली,उनके बरहें दिन दिवाली।उसके तेरहें दिन जेठुआन ,औरफिर चुटिया-पुटिया बांध के चलो गंगा नहाय। मतलब की दीपावली की धूम और फिर जेठुआन के गन्ने की मिठास खत्म होते कतकी (गंगा स्नान) की तैयारी […]
यूं तो ककोड़ा मेला 5 नवंबर को झंडी पहुंचने के बाद आरंभ हो जाता है । लेकिन “ककोड़ा मेला” आते ही शहर के हास्य व्यंग्य के विख्यात कवि शमशेर बहादुर “आँचल जी” याद आ जाते […]