‘सियाराम’ और ‘श्री राम’

January 14, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हे ‘अयोध्या के राम’!हे ‘जय श्रीराम’!हे ‘राजनीतिक दल-विशेष के आयातीत राम’!मत भूलो कि “हम भक्तन के भक्त हमारे” का उद्घोष करनेवाले ‘सियाराम’/’सीताराम’ लोकमानस में अंकित हैं। वे ‘एकाकी’ राम नहीं हैं […]

बोलो जय श्री राम

January 31, 2022 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–राम-नाम तो आड़ है, काम दिखे बेकाम।बेच रहे हैं देश को, बोलो जय श्री राम।।दो–दिखता नक़्ली काम है, और न अस्ली चाम।ठगते आये देश को, बोलो जय श्री राम।।तीन–मूल विषय […]

बोलो जय श्री राम

January 25, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–देश कितना पिछड़ गया, दिखते नमकहराम।गिद्ध दिख रहे हर तरफ़, बोलो जय श्री राम।।दो–नारी हर दिन लुट रही, दिखते सब बेकाम।रावण घर-घर दिख रहे, बोलो जय श्री राम।।तीन–महँगाई की मार […]

जय श्री राम! अन्ततः शुभ वेला आ गयी

August 5, 2020 0

आदित्य त्रिपाठी ‘यादवेन्द्र’ (प्रबन्ध सम्पादक) : जब मन आह्लादित होता है तो मुंह से शब्द नहीं निकलते; शरीर शिथिल हो जाता है । जिस स्वप्न को लेकर बड़ा हुआ आज उसके वास्तविकता के धरातल पर […]