सभ्य समाज के लिए जातिवाद भयङ्कर ज़ह्र के समान घातक
किसी मानवीय राष्ट्र या समाज की व्यवस्था में जातिवाद एक भयंकर जहर के समान घातक है। गुणानुसार कर्मो का अधिकार ही मानवीय व्यवस्था हो सकती है। ध्यान रहे जातिवादी व्यवस्था जंगली होती है जिसमें जन्म […]
किसी मानवीय राष्ट्र या समाज की व्यवस्था में जातिवाद एक भयंकर जहर के समान घातक है। गुणानुसार कर्मो का अधिकार ही मानवीय व्यवस्था हो सकती है। ध्यान रहे जातिवादी व्यवस्था जंगली होती है जिसमें जन्म […]