ठिठुरन बढ़ने लगी
दिन छोटे रात लम्बी होने लगीगुनगुनी धूप छत पे उतरने लगी।बढने लगी हाँ ठिठुरन बढने लगी। आ गई ठण्ड रजाई ले लीजिए,दूध के संग मलाई ले लीजिए।बाजरे की रोटी; बेसन की करी,घी-मक्खन की तराई ले […]
दिन छोटे रात लम्बी होने लगीगुनगुनी धूप छत पे उतरने लगी।बढने लगी हाँ ठिठुरन बढने लगी। आ गई ठण्ड रजाई ले लीजिए,दूध के संग मलाई ले लीजिए।बाजरे की रोटी; बेसन की करी,घी-मक्खन की तराई ले […]