कविता : तेरे बिन
फिर एक पल जिया जाए तेरे बिन।फिर घूमा-टहला जाए तेरे बिन।फिर हंसकर बोला जाए तेरे बिन।फिर दिल को खोला जाए तेरे बिन॥ फिर से यारी की जाए तेरे बिन।फिर से दिलदारी की जाए तेरे बिन।फिर […]
फिर एक पल जिया जाए तेरे बिन।फिर घूमा-टहला जाए तेरे बिन।फिर हंसकर बोला जाए तेरे बिन।फिर दिल को खोला जाए तेरे बिन॥ फिर से यारी की जाए तेरे बिन।फिर से दिलदारी की जाए तेरे बिन।फिर […]