दिल की बातें ‘दिल’ से-दिल पे
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–कुछ कहने पे ज़बाँ, साथ देती ही नहीं,आँखें भी मुँह फेर लेती हैं, चुप रहने पे।दो–वे जब भी मिले, आँखें बदल-बदल कर,न कहीं इंकार मिला, न कहीं इक़्रार दिखा।तीन–उनके इस्रार का […]
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–कुछ कहने पे ज़बाँ, साथ देती ही नहीं,आँखें भी मुँह फेर लेती हैं, चुप रहने पे।दो–वे जब भी मिले, आँखें बदल-बदल कर,न कहीं इंकार मिला, न कहीं इक़्रार दिखा।तीन–उनके इस्रार का […]