आरम्भो न्याययुक्तो य: स हि धर्म इति स्मृत:
“आरम्भो न्याययुक्तो यः स हि धर्म इति स्मृतः।” यानि न्याय से युक्त होने पर ही धर्म का प्रारम्भ होता है यही बात याद रखने योग्य है। अब उपरोक्तानुसार आप विचार कीजिये क्या वर्तमान किसी भी […]
“आरम्भो न्याययुक्तो यः स हि धर्म इति स्मृतः।” यानि न्याय से युक्त होने पर ही धर्म का प्रारम्भ होता है यही बात याद रखने योग्य है। अब उपरोक्तानुसार आप विचार कीजिये क्या वर्तमान किसी भी […]
जीवन में पारस्परिक सहजीविता के आधार पर “न्यायपूर्वक” जीना ही धर्म है। धर्म जीवन को कभी दो भागों में नहीं बाँटता था..राजनीति ने जीवन को दो भागों में बाँट दिया-एक शोषक और दूसरा शोषित । […]
कछौना(हरदोई): माघ मेला के मद्देनजर बालामऊ जँ. से सीतापुर के लिए रेलवे द्वारा एक स्पेशल ट्रेन का संचालन 13 जनवरी 2023 से 01 मार्च 2023 तक किया जायेगा। श्रद्धालुओं के किये नैमिषारण्य एवं मिश्रिख तीर्थस्थल […]
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का विचारमन्थन ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश जब ‘हिन्दू’ नहीं थे तब उनके उपासक ‘हिन्दूवादी’ कहाँ से आ गये? ‘तथ्य’ और ‘तर्क’ सनातन-सन्दर्भ मे सारगर्भित हो तभी ‘उत्तर’ दिया जाये। ‘धर्मान्धता ओढ़ा […]
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’— सारी दुनिया में आतंक का पर्याय माने जाने वाले गजनवी, गौरी, बाबर, ओसामा बिन लादेन और गद्दाफी सरीखे लोगों को भी मुस्लिम आतंकवादी और मानवता का हत्यारा नहीं बल्कि अपना आदर्श […]