आग लगा दो नीति मे, नंगा कर दो राज

January 21, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–कहें देश की बेटियाँ, शासक धोखेबाज़।हाथी-जैसे दाँत हैं, उगल रहे हैं राज़।।दो–चुप्पी साधे दिख रहा, घर का चौकीदार।चोरों से है जा मिला, ले रूप ख़रीदार।।तीन–होता शोषण यौन का, सबको इसका […]