नज़्म : आदमियत का क्या हुआ

October 15, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार ‘राघव’– किसी की तासीर है तबस्सुम,किसी की तबस्सुम को हम तरसते हैं।है बड़ा असरार ये,आख़िर ऐसा क्या है इस तबस्सुम में? देखकर जज़्ब उनका,मन मचलता परस्तिश को उनकी।दिल-ए-इंतिख़ाब हैं वो,इश्क-ए-इब्तिदा हुआ।उफ़्क पर जो […]