पूंजीवादी और साम्यवादी विचारधारा से नहीं; भारत की आध्यात्मिकता से उपजे अर्थशास्त्र की आवश्यकता : आचार्य वाजपेयी
विश्व मे दो अर्थशास्त्रीय धाराएं विद्यमान है– एक पूंजीवादी और दूसरी साम्यवादी। यद्यपि दोनों सतह पर अलग अलग दिखती है परंतु दोनों एक ही दर्शन से उत्पन्न है। दोनों मे पदार्थ, भौतिकवाद, उपभोग, मुद्रा प्रदर्शन, […]