०भाषा-विमर्श० – ‘प्रतीक-योजना’ क्या है?
‘डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ मानवीय चेतना की विकास-गाथा में प्रतीकों की विशिष्ट भूमिका रही है। संकल्प-विकल्पात्मक मन की यह प्रथा है कि वह विभाजित सत्यों को चित्रित-प्रतीकित करने की कामना करता है। आदिम युग […]