बेईमान चाहत
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय उखाड़ फेंको उस बूढ़े बरगद को, जो समावेशी चरित्र भूलकर आत्म-केन्द्रित हो चुका है। उसका समन्वयवादी चरित्र एकपक्षीय बनकर रह गया है। वह अन्य बीजों के अंकुरण होने, पौधों के […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय उखाड़ फेंको उस बूढ़े बरगद को, जो समावेशी चरित्र भूलकर आत्म-केन्द्रित हो चुका है। उसका समन्वयवादी चरित्र एकपक्षीय बनकर रह गया है। वह अन्य बीजों के अंकुरण होने, पौधों के […]