तेरी इन झील सी आंखों में, जो ये नूर दिखता है
Pawan Kashyap- तेरी इन झील सी आंखों में, जो ये नूर दिखता है । तेरे चेहरे की मदहोशी में, ये मन चूर दिखता है । कहीं जुल्फों का गिर जाना, कहीं अधरों का खुल जाना […]
Pawan Kashyap- तेरी इन झील सी आंखों में, जो ये नूर दिखता है । तेरे चेहरे की मदहोशी में, ये मन चूर दिखता है । कहीं जुल्फों का गिर जाना, कहीं अधरों का खुल जाना […]