सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

मछली पर कविता : मछली! तुम एकनिष्ठ हो

December 3, 2022 0

हे! जलजीवनतुम मस्त रहती हो अपनी दुनिया मेंना तुममें भेदभाव की भावनातुम प्रेममयी होतालाब, नदियांँ, सागर की तुम रानी होअहं नहीं तुमको अपनी सुंदरता पर।रंग-विरंगी दिखती होतुम तो मेरे मन को भाती हो,जल से करती […]