मैं एक गधा आवारा हूँ
सब यही सुना कर कहते हैं,मैं एक गधा आवारा हूँ।मानवता जिनमें होती है,बस उसी प्यार का मारा हूँ।। सबकी अपनी दुनिया होती,मैं भी अपने में जीता हूँ।ढोता हूँ जग का भार,और कटुताओं को चुप पीता […]
सब यही सुना कर कहते हैं,मैं एक गधा आवारा हूँ।मानवता जिनमें होती है,बस उसी प्यार का मारा हूँ।। सबकी अपनी दुनिया होती,मैं भी अपने में जीता हूँ।ढोता हूँ जग का भार,और कटुताओं को चुप पीता […]