लघुकथा : पार्क की घुमक्कड़ी
अभिरंजन शर्मा (बिहार)- वो दोनों बेफिक्र हो कर पार्क में घूमते थे। हाल-ए-दिल बयां करते थे। वे हर दिन मिलते थे। बिना किसी डर-भय के। बगल में पुलिस थाना भी था। समाज की हर बंदिशों […]
अभिरंजन शर्मा (बिहार)- वो दोनों बेफिक्र हो कर पार्क में घूमते थे। हाल-ए-दिल बयां करते थे। वे हर दिन मिलते थे। बिना किसी डर-भय के। बगल में पुलिस थाना भी था। समाज की हर बंदिशों […]