विविचार विविर के विरुद्ध

April 19, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय बूढ़ी जड़―जोड़ती आ रही है,एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को।यत्न करो,तुम्हारी जड़ का क्रमग्रन्थिल न हो।अनुभव का विस्तारमात्र प्रसार न बना रहे।उसका गाम्भीर्य ओढ़ो;परन्तु मन-भाव मेसंकुचन की पैठ न रहे।ढूँढ़ने […]