विषाक्त उत्सवधर्मिता!
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय दीपवर्तिका की ज्वलनशीलतालोकमानस की सहनशीलता।पृथक्-पृथक् पथ पर परिलक्षितदो समानान्तर दूरी पर गतिमान।संवाद-हेतु अवकाश पर प्रश्नचिह्नकिस-हेतु लोक का दीप-प्रज्वलन?मात्र आमोद-प्रमोद का विज्ञापन?दीप-प्रज्वलन निहितार्थ से नितान्त परे,प्रकृतिसंहारक मनोवृत्ति का प्रदर्शन?प्रतिस्पर्द्धा का नग्न […]