कविता : हृदय की वेदना
आदित्य त्रिपाठी, सहायक अध्यापक बे०शि०प० भला कब कौन समझा है! भला कब कौन समझेगा! हृदय की वेदना तेरे सिवा अब कौन समझेगा? मैं तुझको आजमा लेता मगर क्या आजमाऊँगा, तुम्हारे प्यार से दीपित दिये दिल […]
आदित्य त्रिपाठी, सहायक अध्यापक बे०शि०प० भला कब कौन समझा है! भला कब कौन समझेगा! हृदय की वेदना तेरे सिवा अब कौन समझेगा? मैं तुझको आजमा लेता मगर क्या आजमाऊँगा, तुम्हारे प्यार से दीपित दिये दिल […]