● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय शब्द की उष्मा;शब्द की कान्ति;शब्द की संगति;शब्द की ऊर्जा;सार्थक तभी होती हैजब शब्दकारसाधक होता है।शब्द सात्त्विक होता है,अहम् और त्वम् नहीं;सम्प्रदाय और जाति नहीं;रहित और विपन्न नहीं।शब्दों के बीज फेंककरविभाजन […]
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