आज (२८ अगस्त) फ़िराक़ गोरखपुरी की १२५वीं जन्मतिथि है
“जोबन छलकाती उठी चंचल नार, राधा गोकुल में जैसे खेले होली”– फ़िराक़ एक ख़ूबसूरत एहसास का नाम है, फ़िराक़। ग़ज़ल, नज़्म, रुबाई के साथ-साथ, समालोचना और इतिहास पर भी क़लम चलानेवाले रघुपति सहाय फ़िराक़ गोरखपुरी […]