”साहित्य के नोबेल एवार्ड’ से कहीं बढ़कर शिष्याशिष्यवृन्द की अगाध श्रद्धा है”– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
साग्रह अनुरोध– देश के सम्मानित विद्वज्जन और विश्वविद्यालयीय (‘विश्वविद्यालीय’ और ‘विश्वविद्यालयी’ अशुद्ध हैं।) प्राध्यापकवृन्द से अपेक्षा की जाती है कि वे अधोटंकित भावों और विचारों मे से सकारण अशुद्धियाँ निकालकर मेरा मार्गदर्शन करें।•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• अवसर था, […]